रवि मिश्र “भारद्वाज”, पिता श्री पशुपति मिश्र,
गाम- ननौर, जिला-
मधुबनी।
अन्तिम क्षणमे
काल्हि किछु काल असगरेमे
हम केलौं अपनासँ किछु बात
पुछलौं अपनासँ बिना मतलबक
की ककरो तोहर छौ आस
कियो नै भेटल जे चाहितै, सुनितै
हमरासँ हमरा भाव-विभोर कऽ,
चाहलक तँ सभ कियो हमरा,
मुदा नै देखलक हमर आँखिक नोरकेँ
बेचैन भऽ कऽ कानए लागल
हमरेपर जखन हमर आँखि
हँसि कऽ लोक हमरा देखऽ लागल
ऐ उमरोमे एना
कि कियो देखावा कऽ सकै छै
हँसऽ लगलौं हमहूँ हुनका देखि
कऽ
दुख अपन हँसीमे नुका कऽ
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