Pages

Showing posts with label अशोक दत्त. Show all posts
Showing posts with label अशोक दत्त. Show all posts

Tuesday, April 10, 2012

अशोक दत्त - ओधि उपाड़


उपहास करैत इतिहासक
नितरा रहल अछि
सफलतापर,
सफलता
जे छैक
पानिक बुलबुल्लाा जेकाँ।
सन्हिआएल छै अदंक
कोँढ़मे
उड़ल छै निन्न
तकने घुरैछ सुरक्षा कवच
मुदा, उताहुल भेल अछि
मुँहमे जाबी लगा कऽ
मेहमे बान्हल बड़द जेकाँ
जोतबाक लेल,
छै दश-पाँच गोट
लगुआ-भगुआ
छै बन्दुक
ते फेकैए गुड़-चाउर
मने-मन
नित नवीन आडम्बरक।
नइँ छै चौवन्नी भरि जनाधार
तैयो नितरा रहल अछि,
सफलताक नाम दऽ
अतीतकेँ गुनैत
वंश बढ़बऽ मे उनमत्त।
बुझैत अछि ओ
करची पङने
दू-चारि गोट बाँस कटने
नइँ उपटै छै बाँस
तेँ नितराइत अछि
बनल अछि ढीठ।
देश उएह अछि
परिवेश नव
देखैत छल पहिनहुँ
करूआइत छलै आँखि
आब बूझऽ लागल अछि
बच्चासँ बुढ़ धरि
नइँ होइत छै फूल बाँसमे
नइँ होइत छै सुगन्धो
नइँ लगैत छै फल
मुदा, पनपऽ नइँ दैत छै ककरो
अपना लगमे
मात्र बढ़बैत अछि
अपन साम्राज्य।
आब करची पड़लासँ नइँ
दू-चारि गोट बाँस कटलासँ नइँ
उपटाबऽ पड़त ओधि
जड़िसँ कोरि कऽ
तहन फुलएतै फूल
छिरिअएतै सुगन्धि
लगतै फल
मुस्किअएतै ठोर।

अशोक दत्त - बाल गीत (लोरी)



आगे निनियाँ आ-आ
बौवा लए निन ला-ला
देबौ तोरा नवका साड़ी
दौगल-दौगल आ-आ
बौवा हम्मर मिसरीक ढ़ेपा
तोरा माथा जूड़ा-खोंपा
खीर देबो तोरा भरि थारी
सुन्दर सन गीत गा-गा
आगे निनियाँ . . . . . . .
मैना बनबए घरमे खोंता
सिरोलिया करए ओहिमे चोंचाँ
दाना आनय फोड़ि बखारी
सभ मिल बाजय खा-खा
आगे निनियाँ . . . . . . .
चुनियाँ पढ़ए बड़का पोथा
सह-सह ढिल करै छै झोंटा
नम्हर केश ओकर बड़कारी
दौड़ कऽ ककही ला-ला
आगे निनियाँ . . . . . . .

अशोक दत्त - बाल गीत



सुन-सुन-सुन-सुन एगो बात
चल रोपै छी ढ़ौवाक गाछ
लुच्चीै जेकाँ ढ़ौवा फड़तै
बढ़तै अपनो तैं दिन ठाठ
एक दिन ढ़ौवाक गाछी बढ़तै खूब झमटगर हएतै
घौर्छे-घौर्छे ढ़ौवा गाछमे फड़तै आ फल एतै
तोड़ि-तोड़ि करबै सभटा काज, सुन-सुन. . . . . . .
फुलबारीमे पोखरि खुनएबै सुन्दर घाट मढ़एबै
आम लताम जामुन संग मिठका बैरक गाछ रोपएबै
ताहिपर झुलब साथे-साथ, सुन-सुन. . . . .
बरबिघबा सन चौरमे अपनेसँ मेला लगबएबै
अजब-गजबकेँ खेल-तमाशा आ सर्कस बजबएबै
घुमएतै परी पकडि़ कऽ हाथ, सुन-सुन. . . . . .
किन कम्प्युटर सेहो अनबै, मास्टर आबि सिखए तैं
दुनिया भरिक ज्ञानसँ जे हमरो परिचित करबएतै
रहतै मोटरो गाड़ी पास, सुन-सुन. . . . .

अशोक दत्त - बाल गीत



छुनमुन-छुनमुन बौवा हम्मर
फुदकैत फुद्दी जेकाँ रहैए
कखनो मुस्की कखनो मटकी
कखनो दि‍दीकेँ चुप्पी कहैए, छुनमुन. . . . .
खुब हिलसगर बौवाक गात
चुन-चुन बजैए सभ बात
मिसरी सनकेँ बोली सूनि-सूनि
मोन जुड़ाइए मोन जुड़ाइए, छुनमुन. . . . .
थाहि-थाहि कऽ उठबए धाप
रूनझुन बाजए पायलक चाँप
कारी लट जे घूरमल-घूरमल
गोर गालकेँ चूमल करैए, छुनमुन. . . . . .
गोल-गोल पुआ सन गाल
चान जेकाँ चम्कै-ए भाल
हिरणी सनकेँ नयनक पुतली
सभक मनकेँ मोहल करैए, छुनमुन. . . . .
हाथमे धऽ कऽ हम्मर हाथ
स्कूल जएतै रटतै पाठ
हमरे सनकेँ बौवा हम्मर
हाथसँ कलम धरल करैए, छुनमुन. . . . .