डा.अरुण कुमार सिंह, सम्प्रति मैसूर।
सोधनपाल
एकटा छथि गोपाल
गोपाले सन मस्त
रंगो गोपाल सन
स्वभावो छन्हि बएसानुकूल
पढबाक नाम पर छथि प्रतिकूल
जैताह नीक स्कूल
लिखताह नै पढ़ताह
मारि धरि खौताह
तैयो बिहुँसल
स्कूलसँ घुरताह
एक दिन अनचोकेमे
दलानक बगलेमे
लागल लारक ढेरीमे
लगोलन्हि सलाइसँ आगि
भऽ तँ जाइत जुलूम
मुदा कौहुना आगि मिझाओल गेल
सौंसे गौआँक नजरिमे
गोपालसँ भेलाह सोधनपाल।
No comments:
Post a Comment