Pages

Showing posts with label इरा मल्लिक. Show all posts
Showing posts with label इरा मल्लिक. Show all posts

Tuesday, September 4, 2012

भोर भेलै- इरा मल्लिक



इरा मल्लिक, पिता स्व. शिवनन्दन मल्लिक, गाम- महिसारि, दरभंगा। पति श्री कमलेश कुमार, भरहुल्ली, दरभंगा।

भोर भेलै
भोर भेलै,
घरनीक तँ हाल बड़ा बेहाल छै,
तहियो ओ नेहाल छै।
घरनी धुरी छथि गृहस्थीक।
आँखि मिरैत उठि पुठि भोरे,
भनसाघर ओ दौड़ै छथि,
चाय बनाबक छन्हि हुनका,
केतली चूल्हापर चढ़बै छथि,
नास्ता संग तैयार करैत छथि,
दिनभरिक दिनचर्या,
घरनी धुरी छथि गृहस्थीक।
घर भरि कानमे तूर तेल लेने,
एखनो निसभरि सूतल छथि,
पतिदेव आ नेनाकेँ,
जगेनाइ एखैन तँ बाँकी छै,
ऑफिस आ स्कूल भेजबाक,
सरंजाम केनाइ तँ बाँकिये छै,
तहियो भोरतरंगक खुशी,
समेटि आँचर मे बान्है छथि,
घरनी धुरी छथि गृहस्थीक।
जीवनक अइ आपाधापीमे,
खुशीक फूल लोढ़ै छथि,
ओइ फूलक सुरभित मालासँ,
परिवारक बगिया सजबै छथि,
जीवनक शृंगार बसल,
सुंदर हिनक गृहस्थीमे,
संगीतक सुर तान बसल अछि,
मनभावन हिनक गृहस्थीमे,
घरनी धुरी छथि गृहस्थीक!