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Saturday, April 7, 2012

गीत :: जगदीश मण्‍डल


गीत

अपना गति‍ये सबहक जि‍नगी

पग परीक्षा दैत चलै छै।

तीत-मीठ सुआद सि‍रजि‍

राति‍-दि‍न कहैत चलै छै।

पग-पग परीक्षा दैत चलै छै।

कखनो मीठ महकि‍-महकि‍

बि‍गड़ि‍ तीत बनए लगै छै।

तहि‍ना तीतो तड़पि‍-तड़पि‍

सुआद मीठ दि‍अए लगै छै।

पग-परीक्षा दैत चलै छै।

पल-पल, छन-छन छनि‍-छनि‍

राति‍-दि‍न बनए लगै छै।

शंख संग नाद भरि‍-भरि‍

शंखनाद दि‍अए लगै छै।

पल-पल नाद भरए लगै छै।

पग-परीक्षा दैत चलै छै।

कौरव-पाण्‍डव बीच जहि‍ना

शंखनाद कृष्‍ण करै छै।

काया-माया बीच संसार

लट-पट, हट सट

करए लगै छै।

पग, पएर, पग धड़ए लगै छै।

पग परीक्षा दैत चलै छै।
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