धोबि घाट
किनछरि धार धोबिघाट बनल छै
बामी-दहिनी बीच पड़ल छै।
ठेहुन पानिसँ भीत्ता महारक
खाढ़ी-खाढ़ी रूप गढ़ल छै।
अपना सीमा रोकि-रोकि घाट
तिरछिया-तिरछिया धारा चलै छै।
जहिना ले-ऊँच घाट मढ़ल
तहिना ले-ऊँच ठाढ़ धोबि छै।
एक ओरीकेँ पकड़ि-पकड़ि
उनटा-उनटा पाट पटकै छै।
रेहे-रेहे सटल मैल
खाढ़-खाढ़ी पटकि झरै छै।
तीन ताल पकड़िते पकड़ि
चिन्ह-पहचिन्ह तीनू करै छै।
दू पाटन बीच पड़ि-पड़ि
रचल-बसल मैल संग छोड़ै छै।
जुग-जुगसँ जकड़ि जकड़ल
पटका-पाबि-पाबि संग छोड़ै छै।
गुड़कि-गुड़कि गहे-गहे
पानिक संग-संग सेहो बहै छै।
सहस्रोसँ रचि-रचि बेवस्था
कोने-सान्हिये पकड़ि लेने छै।
उनटा-पुनटा देखि-देखि धोबि
गरे-गर उनटा पटकै छै।
दंगल बीच पहलवान जहिना
लपैक बाँहि पकड़ै छै।
छाती-पीठ सटा फेकै छै
पाट धोबिया सीखै छै।
एक धैर्य टूटि-टूटि दोसर
बालिक शक्ति पबै छै।
सात स्वर बीच जहिना वीणा
आनए पकड़ि महुराएल साँप छै।
अपन मधुर स्वर-लहरीसँ
नंगटे नाच नचबै छै।
परखि देखि देखिते देखिनिहार
अपन दिशा देखै छै।
पबिते अनुकूल दिशा अपन
मधुर-मधुर फल सभ चीखै छै।
समए साक्ष्य शीशा सिरजि
ऐनाक रूप धड़ै छै।
पबिते रूप अपन ऐनामे
समए-संग दौगए लगै छै।
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