चहुँ दिस पसरल अछि
घुप्प अन्हार
अन्हारमे
बाट हेरबा लेल
दऽ रहल छी हथोरिया
मुदा, नहि भेटय अछि
बाट
आ नहि भेटय अछि
अन्हारक ओर–छोर
कतबो नोचै छी
अपन देह–हाथ
वा पीटै छी कपार
रहै छी सदिखन
ओतय ठाढ़
जतय अछि अन्हारक
एक छत्र राज!
बुझि पड़ैए
हमर मोनक इजोत सेहो
भेटाय लागल-ए
हे अन्हार! अहाँ संग रहैत–रहैत
हमर आत्मा सेहो
भऽ गेल अछि आन्हर
तखन नै ओकरा
देखि नहि पड़ैए
कर्ममार्ग
आ अपस्याँत अछि ओ
हेरबा लेल मुक्ति मार्ग!
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