बाट
चलि-चलि बाट बनबैत चलू
सोचि-विचारि चलैत चलू।
तीन चास जोतिते-जोतिते
ढेपा फुटि-फुटि माटि बनए।
चिक्कनमे सभ चाहे चलए
चलिते-चलिते बाट बनए।
मलड़ि-मलड़ि ससरैत चलू
मखड़ि-मखड़ि गबैत चलू।
चलि-चलि बाट बनबैत चलू।
पाँच पएर पड़िते-पड़ैत
चुनमुन माटि करए इशारा।
बनि पहरूदार दिन-राति
हँसि-हँसि दैत इशारा।
संगी-संग अकड़ैत चलू
डेग-डेग मिलबैत चलू
चलि-चलि बाट बनबैत चलू।
बाट बनए जहिया जतए
सोझ-साझक मांग करए
अगिला-पछिला मिला-मिला
बीचो-बीच बढ़ैत चलए।
गीताक गीत गाबि-गाबि
जिनगी परखैत चलू
चलि-चलि बाट बनबैत चलू।
सदिखन सनातन सहमि-सहमि
नव कनियाँक सदृश कहए
नव सूत जेबर पाबि-पाबि
वसन्त राग भरैत कहए।
जँ किरदानी (कमैनी) नै तँ जुआनी की
जँ जुआनी नै तँ मर्दगानी की
बिनु युद्धभूमिक मर्दगानी,
अछिया पड़ल जिनगानी छी।
चेत-चेत चित्त चेतन
समवेत संगीत बजबैत चलू
झूमि-झूमि मलड़ैत चलू
चलि-चलि बाट बनबैत चलू।
जिनगीक गीत गबैत चलू।
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