अंडीक छाहरि
जेसलमेर राजस्थानक जहिना
मिथिलाक कोसी क्षेत्र अछि तहिना।
चकचकौआ बालु जेना ओतए
कोशिकन्होक तहिना एतए।
अजगूत मेल-मिलाप दुनूक छै
अंडी जहिना कोशिकन्हाक वृक्ष
सांगरि तहिना ओतौक छै।
वृक्षे ने छाहरि सिरजैए
सएह ने दुनू करै छै।
मुदा दुनूक दूरी ओतेक
अकास-पतालमे भेद जतेक।
एक उगे सुखल बालुमे
दोसर उगै पनियाहमे।
अजीव नटकिया बाउलो छी?
कतौ-कतौ पानिक परिचए दैत
कतौ-कतौ बिनु पानिक।
पल्ला परिते, सुआइत ने
उड़ि-उड़ि जान गमबैत।
कतबो मोर नाच देखबए
तँए कि बालुक चालि बदलतै।
उल्लू केतबो मुँह दुसत
तैयो लछमियेक सवारी कहौतै।
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