मैथिली कविता
मैथिली पद्य -मैथिली कविता विदेह पेटारसँ
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Saturday, April 7, 2012
देह -अनुप्रिया
देह
अहां हमरा गहय चाहैत छलहुँ
अपन बाँहि मे
आ हम चाहैत छलहुँ
अहाँक संग
अहाँ छूबय चाहैत छलहुँ
हमरा
आ हम अहाँक हाथ पकड़ि
पूरा करय चाहैत छलहुँ
जीवन-जतरा
हमरा लेल तेँ अहां
हमर आत्मा बनि गेल छलहुँ
मुदा अहांक लेल
हम- मात्र एकटा देह ।
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