Monday, December 31, 2012
Thursday, December 27, 2012
समाज सजल :: जगदीश प्रसाद मण्डल
समाज सजल......
समाज सजल छै छिपाड़-उकट्ठी
छीप-उकठपना बेवसाय बनल छै।
रंग-बिरंग समाज गढ़ि-मढ़ि
रंग-रंग छीप कटैत रहै छै।
भाय यौ, रंग-रंग......।
आस-वियास बनिते जहिना
चोर-माखन कृष्ण कहै छै।
गोप-गोपी बीच उमकि
कहि उमकि उकठपन कहै छै।
भाय यौ, कहि उमकि......।
भावो लोक तहिना भवए
मारि
सेन्ह काटि कहै छै।
Monday, December 24, 2012
Wednesday, December 19, 2012
Subscribe to:
Posts (Atom)