धड़मक फूल......
धड़मक फूल फुलेबे करै छै
बनि फुलबाड़ी सजबे करै छै।
धाम-काम बनबे करै छै।
भीड़-कुभीड़ बीच बीचमानि
स्वर शंख उठबे करै छै।
शंख स्वर उठबे करै छै।
धड़मक फूल......।
धड़ अनेको धड़-चालि अनेको
रूप कृष्ण कहबे करै छै।
बानि पकड़ि बीअनि बदलि
साँस-हवा भरबे करै छै।
धड़मक फूल......।
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