कोढ़ पकड़ि......
कोढ़ पकड़ि कोढ़ी कहै छै
कोंढ़िया कोढ़ पकड़ने छै।
केना कऽ फड़बै-फुलेबै
रेहे-देहे पकड़ने छै।
कोढ़ पकड़ि.....।
देखबोमे नहि देख पड़ै छै
सुनबोमे नहि सुनि पबै छै।
टीश-पीड़ा टीशा पीड़ा
घोर-घोर मन बनौने छै।
कोढ़ पकड़ि.....।
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