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Tuesday, August 28, 2012

गाछक रंग बदलि :: जगदीश प्रसाद मण्‍डल


गीत- 

गाछक रंग बदलि‍ रहल छै
मौसम संग सुधरि‍ रहल छै।
थल-कमल जकाँ कहि‍यो
गाढ़-लाल-उज्‍जर बनै छै।
तहि‍ना फूल-फल कोढ़ि‍ जकाँ
झरि-झरि‍ कोनो फलो बनै छै‍।
गाछक रंग बदलि‍ रहल छै
मौसम संग.......।
आशा आश लगा-लगा
जीत अपराजि‍त बनैत रहै छै।
सुधरि‍ रूप बदलि‍ चालि‍
कारी काजर चमकि‍ उठै छै।
गाछक रंग बदलि‍ रहल छै
मौसम संग.......।

लत्ती पानि‍ रूप बदलि‍
थल-कमल कहबैत चलै छै
तहि‍ना लत्ती अपराजि‍त
गाछ बनि‍ गछाड़ि‍ धड़ै छै।
गाछक रंग बदलि‍ रहल छै

मौसम संग.......।

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