गीत-
गाछक रंग बदलि रहल छै
मौसम संग सुधरि रहल छै।
थल-कमल जकाँ कहियो
गाढ़-लाल-उज्जर बनै छै।
तहिना फूल-फल कोढ़ि जकाँ
झरि-झरि कोनो फलो बनै छै।
गाछक रंग बदलि रहल छै
मौसम संग.......।
आशा आश लगा-लगा
जीत अपराजित बनैत रहै छै।
सुधरि रूप बदलि चालि
कारी काजर चमकि उठै छै।
गाछक रंग बदलि रहल छै
मौसम संग.......।
लत्ती पानि रूप बदलि
थल-कमल कहबैत चलै छै
तहिना लत्ती अपराजित
गाछ बनि गछाड़ि धड़ै छै।
गाछक
रंग बदलि रहल छै
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