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Saturday, July 21, 2012

अंजनी कुमार वर्मा “दाऊजी”- कोसी




हिमगिरीक आँचर सँ ससरि,
मिथिला केर माटिमे पसरि
दुहु कूल बनल सिकटाक ढेर,
पसरल अछि झौआ कास पटेर
मरू प्रान्त बनल कोसी कछार,
निस्सिम बनल महिमा अपार
सावन भादो केर विकराल रूप,
पाबि अहाँ यौवन अनूप
उन्मत्त मन ,मदमस्त चालि,
भयभीत भेल मानव बेहाल
की गाम-घर, की फसल-खेत,
की बंजर भू ,लय छी समेटि
प्रलयलीन छी अविराम,
मानव बुद्धि नै करए काम
कतय कखन टूटै पहाड़,
भीषण गर्जन अछि आर-पार
तहियो हम सभ संतोष राखि,
कर्तव्यलीन भेल दिन-राति
वर्षा बीतल हर्षित किसान,
खेतीमे लागल गाम-गाम
लहलहाइत खेत देखै किसान,
कोसी मैयाकेँ शत-शत प्रणाम .......

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