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Sunday, May 6, 2012

मनक केहेन फूल :: जगदीश प्रसाद मण्‍डल


गीत-

मनक केहेन फूल फुलै छै
मनमे केहेन फूल फुलै छै।
जेहेन जेकर जि‍नगी रहै छै
तेहने तेकर फूल खि‍लै छै
जेहेन जेकर फूल खि‍लै छै
तेहेन तेकर डाली सजै छै।
तेहने तेकर डाली सजै छै।
पनगि‍ पराग परसि‍ राग
फुलवारी सि‍रजैत रहै छै।
पकड़ि‍ राग रगड़ि‍-रगड़ि‍
बारहो मास गबैत रहै छै।
बारहो मास गबैत रहै छै।
फूलोक तँ भीन-भीन कि‍रदानी
तीत-मीठ सि‍रजैत चलै छै।
खट-मीठ रूप सजा-सजा
पानि‍-खून मि‍लबैत चलै छै।
       

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