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Tuesday, April 10, 2012

डॉ अजित मिश्र - मिथिला-धाम



चाननसन जतऽ माटि बसै छै
ओहि माटिक हम वीर गे
लए चलबौ हम तोरा सजनी
पूर हेतौ सभ आस गे ।। १ ।।
ओहि माटिक हम बात कहै छी
जतऽ पूरल सभ आस गे
मा जानकीक संग पाबि कऽ
चलल राम भगवान गे ।। २ ।। लए चलबौ .........
कोइली चहु दिस कुहु-कुहु बाजए
विद्यापतिक गान गे
धीर अयाचीक साग- भातमे
जतए बसथि भगवान गे ।। ३ ।। लए चलबौ .........
बालोsमक ज्ञान जतए छै
सीता मैय्याक ध्यान गे
साग-भातमे जतए बिराजै
स्वाभिमानक ज्ञान गे .।। ४ ।। लए चलबौ .........
शान्तिमयक जे पर्णकुटी छै
विश्वमंचपर मान गे
सतगुणक जे खान बनल छै
मिथिला तकरहि नाम गे ।। ५ ।। लए चलबौ .........
विद्या - ज्ञानक नाम जतए छै
सुमति मान-अपमान गे
गुरूसँ शिक्षा जतए सुलभ छै
पाबथि सभ सम्मान गे ।। ६ ।। लए चलबौ .........
जग भरि जत्तय शीश नबावे
बाट-घाट जत धाम गे
कण-कणमे जत सोन बिराजै
ओहि माटि परनाम गे ।। ७ ।।
चाननसन जत माटि बसै छै ................................

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