सरधुवा जोनिडाहा
जानि ने कतऽसँ फेर आबि गेल
लाठि टेकि चलैत
एकटा वृद्धाक मूहसँ
अस्फूटरुपेँ किछु अक्षरक
उच्चारण भेलै
कहुना सही
हम अपना मोने जीबैत तँ छलौं
मुदा, मुदा ई जोनिडाहा
ओकर मूह अनायास बन्द भऽ गेलै,
ओ वृद्धा जे पागलि
घोषणा कऽ देल गेल छलि
ब्रम्हकथानक डिहवारक पँजरा
ओकर आश्रय बनल छल
सभ किछु नष्ट भऽ गेल
आब ई ब्रम्होल बाबा
रहताह कि नहि ?
ओकर मूहक बनैत बिगडैत आकृतिसँ
ओकर चिन्ताबक पराकाष्ठाक
अनुमान कएल जा सकैत अछि
एखन धरि तँ ब्रम्ह्बाबा जीवित छथि
आब रहताह कि नहि ?
वृद्धाक आँखि घोकचैत जा रहल छै ।
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