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Tuesday, April 10, 2012

दयाकान्त - पाँच लाख बौआक दाम



नहि कमाइत छथि फुटल कौड़ी
नहि रोजगारक कोनो ठेकान
दस बरखसँ धेने छथि दिल्ली
टाका आबै छनि अखनो गाम
बाबु सुद-दर सुद जोड़ि कऽ
लगबैत छथिन बौआक दाम
पाँच लाख बौआक दाम।

कहैत छथि एम.बी.ए. केने छी
नहि चाही सरकारी नोकरी, नाम
एम.एन.सी. मे नोकरी करैत छी
रखैत अछि कम्पनी सभटा ध्यान
प्रवन्धनक कोनो गप्प करू तँ
मुँह बेता जेना परम अकान
पाँच लाख बौआक दाम ।

घटक देखि कऽ बाप बजैत छथि
बड़का हाकिम हमर संतान
गाड़ी-बंगला नोकर-चाकर
सभ चीजक ओतए ओरियान
आॅफिसमे बड़का-बड़का हाकिम
करैत रहैत छैक बौआकेँ सलाम
पाँच लाख बौआक दाम।

अबिते लगन घटकक आसमे
मखमल जाजीम शोभय मचान
सिल्क कुर्ता संग परमसुख धोती
सजि-धजि बैसथि बाप दलान
जखन देखु भरल रहथि छनि
चाहक संग खिलबट्टीमे पान
पाँच लाख बौआक दाम।

अहि लगनमे लुल्हा लंगड़ा
नहि बाँचल कियो बहिर अकान
पैंतीस बीतल चढि गेल छत्तीस
नहि सुनैत अछि कियो कान
हमर सपुतक शुभ लगनमे
सभ अप्पन बनि गेल अछि आन
पाँच लाख बौआक दाम।

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