प्रीतक गीत
प्रीतक गीत सुनबै छी
सजनमा।
गामक नारी
मन्द–मन्द हवा सिहकए
फूलक पंखुरी झरि-झरि गिरए
छने-छन मौसम बदलए
कखनो रौद कखनो छाह पड़ए
बिनु वसन्त बहार बनए
खेतक आड़िपर गामक नारी
कन्याँ-बहुरिआ नवतुरिआ
फाँढ़ बान्हि खेतमे काज करए
भूलल-बिसरल सोहर-समदौन
बिरहा-विदेशिया गीत गाबए
बाट-बटोही सुनि-सुनि
बाट भूलि लजाइ छलै
कहैत बाट चलैत छलै
गामक नारी-
देशक छी हितकारी
देशक िनर्माणमे
करैत अछि साझेदारी।
पियासल धरती
पियासल धरती तड़सि रहल अछि
काल-कोठरीमे छिपल बदरिया
धरती सूखि दड़ारि पड़ल अछि
सूखि दुबैक कमजोर पड़ल अछि
गरमीसँ हाहाकार मचैए
चिड़ै-चुनमुल मुँह खोलि बैसल अछि
घास-पात सूखि जड़ैत अछि
चास जड़ैक देखि खेतिहर
माथपर हाथ लऽ सोचि रहल अछि
पानि-बिनु जिनगी तड़पि रहल अछि
माल-जाल भटकि मरि रहल अछि
पोखरि-झाखरि डबरा-नदी सूखि रहल अछि
नाओं-निशान मिट रहल अछि
सूखि-सूखि धरती फाटि रहल अछि
पिआसल धरती तड़सि रहल अछि
िनर्दय छल मेघ मुदा दयावान भेल
गरजैत-बरसैत कारीमेघ ऊमरल
पानि बरिसल घन-घोर
भाटल दरारिसँ-
बेंगक बरियाती सजि निकलि पड़ल
सभरंगा गीत उछलि-कुदि गाबए लगल
कारी मेघ झुमि-झुमि बरसि रहल अछि
धरतीक पिआस मरि रहल अछि
धरतीक पिआस मरि रहल अछि।
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