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Tuesday, April 10, 2012

बालि‍ वध :: जगदीश मण्‍डल


बालि‍ वध

बोधि‍ गाछ ताड़क जे सातो
गेरूलाकार लगल छै।
सातो बेधि‍ जे वाण नि‍कलि‍
आदि‍-बालि‍ वध करै छै।
पीठ नाग सजल सातो
ताड़ गाछ कहबैत एलैए।
सातो घोड़ा सजि‍-बनि‍ रथ
सारथी बनि‍ देखबैत एलैए।
नाग-नाक ऊपर पएर जखने
कसि‍-कसि‍ भार दबै छै।
छटपटा सोझ होइत-होइत
वृत्त-आवृत्त बनए लगै छै।
होइत सीध नजरि‍ हिया
लक्ष्‍य बनि‍ देखए लगै छै।
कोणा-कोणी कोण-वाण
समधानि‍ छाती बेधए लगै छै।
बगलि‍ वृक्ष राम जहि‍ना
हि‍या-हिया‍ आगू देखलनि‍
सटा छाती तानि‍ धनु-वाण
छाती बालि‍क कसि‍ कऽ बिंधलनि‍।
त्रेते नै जुग-जुगान्‍तरसँ
बेश बालि‍ पनपैत एलैए।
शर्त्त राक्षस देव पकड़ि‍-पकड़ि‍
संकल्‍प सात गढ़ैत एलैए।
शासक-शासि‍त पक्ष दू बीच
झगड़ा-मि‍लान दुनू चलै छै।
नीक-अधलाक वि‍चार करैत
संगी-दोस बनैत चलै छै।
))((

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