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Wednesday, April 11, 2012

खेल खेलौना :: जगदीश मण्‍डल


गीत
खेल खेलौना खेल खेलै छी
मने-मन बपहारि‍ कटै छी।
खेल खेलौना खेल खेलै छी।
एक खेलौना छी मन रंजन
दोसर जीवन धार बहाबै
कदम डारि‍ झुलि‍ झूला
जमुना धार महार कहाबए।
नै हँसि‍ कानि‍ नै पाबि‍
मन-मरदन करैत रहै छी
खेल खेलौना खेल देखै छी
मने-मन बपहारि‍ कटै छी।
      ))((

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