गोरकाक समयमे
किछु लोक सभ
परोसि दैत रहनि
अपन घरक जनानी सभकेँ
ओकर चानीक थारीमे।
किएक तँ
हुनक देह की थोड़बे घटि जाइत
रहनि?
मुदा बाढ़ि जाइत रहनि
बिनु किछु बेचने
हुनके बखारीमे सोन आ चानीक भार
आ नमरि जाइत रहै हुनक श्वेत–पधार
छिड़िया जाइत रहनि हुनक नाम
चान–सूरजक
इजौत जकाँ
भारतसँ बिलायत धरि।
आ ओकरा गेलाक बाद
एतुक्का बोनिहारिन जनानी सभसँ
ओसुली भेलै सूदिक–सूदि
अल्हुआक कंदसँ
खेत–पथारक
करमी सागसँ
मड़ूआ, कोंनी, साम, कोदो आ
खुद्दीक रोटी सभसँ
बदलल जाए लागल रहै
बोनिहारिन जनानीक अंग प्रत्यंग।
आ एखन पंचायत प्रतिनिधि
किछु अदला–बदली
करबाक लेल
बी.पी.एल, अन्त्योदय, आवास आ
पेंशन लाभसँ
दहाबोर कऽ देबाक शर्त्तपर
भिक्षू वेषमे हाथ जोड़ने
देह तकैत आँखि निपोड़ने
ठिठिआइत ठाढ़ अछि
एकटा नव–योवना
मसोमातक ड्योढ़ीपर।
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