Pages

Tuesday, April 10, 2012

रोशन जनकपुरी - चप्पल आ सड़क



तहिया
सडक गर्म कएने रहै
ओ चप्पल सभ
जकर चुल्हा तँ रहै ठंंढा
आ पेट रहै खाली,
अपन चुल्हाक पक्षमे
चप्पलक चापसँ
आ ठंढा चुल्हाक तापसँ
जनमलै एकटा ज्वा‍लामुखी
आ एकटा भूकम्प,
आ हमर चप्पलवाली मायक आँखिमे
आश भरि गेल रहै
गर्म चुल्हाक
आ एखन,
चप्पल सभ तँ अखनो सड़केपर अछि
मुदा जुत्ता सभ
जे तहिया चप्पल संगे सड़केपर दौड़ैत रहै,
दिशा बदलि लेने आबि
हमर चप्पल वाली मायक पेट
अखनो खालिए अछि
चुल्हा अखनो ठंडे अछि
आ हम्मर
चप्पलवाली मायक आँखिमे
आक्रोश भरि गेल अछि
तैं,
आक्रोशक गीत
लिखाइते रहबाक चाही
अग्नीत गीत गबैते रहबाक चाही
आ चप्पल सभकेँ
सड़क गर्म करिते रहबाक चाही ।

No comments:

Post a Comment