मैथिली कविता
मैथिली पद्य -मैथिली कविता विदेह पेटारसँ
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Tuesday, April 10, 2012
रघुनाथ मुखिया- आइ पहिल बेर
गामक गाम
पथार खेनिहारक गलामे
लागि गेल रहै डोरि
आइ पहिल बेर।
हटिया
–
बाजारक भीड़मे
आगाँमे राखल हरियरी
ओकरा अनसोहाँत लगैत रहै
आइ पहिल बेर।
ओ खस्सी हरियरी छोड़ि
चमकाबैत छूरी आ गलाक डोरि पकड़ने
लोककेँ निहारैत रहै
आइ पहिल बेर।
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