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Tuesday, April 10, 2012

विवेकानन्द झा- चानपर कारी जेना


चान आ चान्नी
अहाँकेँ नहि लगैछ
जे चान आ चानक
शुभ्र धवल इजोत
आ ओहूसँ नीक हेतै
ई कहब
जे चान आ ओकर चाननी आकी इजोरिया
दूटा नितांत भिन्न आ फराक चीज थिकै

ईश्वर जखन बनौलकै चान
तँ सुरुजसँ मंगलकै
कनेक टा इजोत
आ ओहि इजोतकेँ चान
कोनो जादूगर जेकाँ
इजोरिया बना देलकै
जेना प्रेम जाधरि रहैत छै
करेजमे
कोनो जोड़ाकेँ
लैला मजनू बना दैत छै
चंद्रमोहनकेँ चांद
आ अनुराधाकेँ फिजा
बना दैत छै
आ फेर तँ वएह अन्हरिया व्यापि जाइत छैक चहुँदिश

मुदा हम तँ कहैत रही
जे जहिया
सुरुजसँ पैंच लेल इजोतकेँ चान
कोनो कविराज जेकाँ
अपन सिलबट्टापर खूब जतनसँ
पीस पीस कऽ
चंदनक शीतल लेप सन इजोरिया बना देलकै
तहियासँ रखने छै
अपना करेजमे साटि कऽ
मुदा बेर बेखत बाँटितो छै
तेँ खतम होइत होइत एकदिन
अमावश्याक नौबति सेहो आबिए जाइत छैक
आ फेर सुरुजसँ ओकरा मांगऽ पड़ैत छैक
कोनो स्वयंसेवी संगठन जेकाँ पैंचक इजोत
लोककेँ सोझे सरकार रायबहादुर सुरुज लग
जएबाक सेहंता तँ छै
मुदा साहस कतऽ सँ अनतै ओ
एतेक अमला-फैला छै सुरुजक चहुँदिश
जे करेजा मुँहमे अबैत छै
हुनका लग कोना जाऊ सर्व साधारण
ओ तँ धधकै छथिन्ह आधिक्यक तापसँ

खैर हम जहि चानक गप्प कऽ रहल छी
ओकरासँ डाह करैत छै मेघ
सदिखनसँ ओ ईर्षाक आगिमे जरैत आएल अछि
भगवान मङने रहथिन्ह वृष्टि मेघसँ चान लेल
मुदा ओ नहि देने छल
एक्कहु बुन्न पानि
झाँपि देने छल चानकेँ
हमरा बूझल अछि ओ
बनऔने होएत धर्मनिरपेक्षता आ सांप्रदायिकताक बहाना
लोक हितमे काज नहि अबैत ह्वैतैक ओकरा
मुद्दा ओकर ह्वैतैक किछु आउर

मुदा हम तँ एम्हर
मात्र एतबे
कहऽ चाहैत रही
जे हमरा केओ चान
आ अहाँकेँ चान्नी
जुनि कहए
की जखन मेघ
झाँपैत छै चानकेँ
तँ पहिने मरैत छै
इजोत
आ बादमे मरैत छै चान
आ हम नहि चाहैत छी
जे हमर इजोत
हमरासँ पहिने खतम हो
हमरासँ पहिने मरय
कखनहुँ नहि किन्नहुँ नहि
सत्ते

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