भगजोगनी
हमरा लग ने दीप अछि
ने बाती
आर ने तेल
तैयौ जरौने छी
दीप उमेदक अपन
आँखि मे
किछु एहेन घर
किछु एहेन डगर
किछु एहेन बस्ती जतय
ढीठ भ’ जीबैत अछि अन्हार
ओतय देखने छी हम
टिमटिमाइत भगजोगनी
जेना अपन मिरियैल इजोत सं
ओ काटि देबय चाहैत होई
घुप्प अन्हार
वैह भगजोगनी
हमरा मन मे
गहैत अछि विश्वास
जे आब एतहु
मनायल जायत दिवाली
आउ झक इजोत लेल
एक-एक टा दीप जराबी ।
No comments:
Post a Comment