Pages

Saturday, April 7, 2012

ब्रजकिशोर वर्मा ‘मणिपद्म' - तखन कोन सोना केर मोल




सोना-बेटा कटए युद्धमे
तखन कोन सोना केर मोल?
रे ‘प्रताप’ जूझए ‘हल्दी’मे
भामाशाह! खजाना खोल
आइ विश्व भरि केर स्वतन्त्राता
माँगि रहल हमरेसँ मोल
दही लेपि क’ माँस चटा दे
उठ दधीचि, निज हड्डी तौल!
कंचनजंघा डगमग-डगमग
मानसरोवरमे तूफान
‘जय जय भैरवि असुर भयाउनि’
अधर-अधर पर गंूजए गान
हमरे गतिमे विश्वक गति छै
ताकि रहल अणु-हत भूगोल
सोना-बेटा कटए युद्धमे
तखन कोन सोना केर मोल?

No comments:

Post a Comment