गीत-
रंग सियाही रोशनाइ बनि-बनि
रेहे-रेहे सियाह घोराइ छै।
भाव-अभाव कुभाव बनि-बनि
गीत प्रेम लेखाइत रहै छै।
रंग सियाही रोशनाइ बनि-बनि
रेहे-रेहे सियाह घोराइ छै।
गहराएल गहन पुनि चान जहिना
इजोत-अन्हार बनहाएल छै।
तहिना ने दिनो-दीनानाथ
भक-इजोत भऽ कनखिआइत रहै छै।
रंग सियाही रोशनाइ बनि-बनि
रेहे-रेहे सियाह घोराइ छै।
कहि रोशन टघरि सियाह
लेख कर्म लिखैत रहै छै।
तिले-तिल तिलकि जअ जहिना
हवन कुंड जरैत रहै छै।
रंग सियाही रोशनाइ बनि-बनि
रेहे-रेहे िसयाह घोराइ छै।
भाव-अभाव कुभाव बनि-बनि
गीत प्रेम लिखाइत रहै छै।
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