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Saturday, April 7, 2012

नन्‍द वि‍लास रायक दूटा कवि‍ता-


मानवता

आनक गलती नि‍ङहारब ई नीक काज नै
कखनो काल अपनो मुँह एेनामे नि‍ङहारल करू
जौं दानवसँ मानव बनबाक अछि‍
मानवबला कर्त्तव्‍य ि‍नभाएल करू।
जीत केर खुशीमे सभ रहैत अछि‍ मगन
हारि‍क दुखीमे अहाँ मुस्‍कुराएल करू
दोसरक खुशी देखि‍ जड़ी छी कि‍एक
देखि‍ दोसरक तरक्की मरै छी कि‍एक
हएत केना अप्पन तरक्की वि‍चारल करू
की लऽ दुनि‍याँमे एलौं की लऽ कऽ दुनि‍याँसँ जाएब
फेर एना कि‍एक करै छी राति‍-दि‍न बाप-बाप
ढौआ कमाबए लेल केलौं कतेक पाप
जौं पापसँ मुक्ति‍ चाहै छी अहाँ
गरीब-गुरबापर अन्न-धन लुटाएल करू
दोसरक खुशी लेल जौं जीत कऽ हारि‍ सकी
आनक बचेबाक खातीर घर अपन जाड़ि‍ सकी
धरतीपर केना मानवता जीबैत रहत
अपना भरि‍ अहाँ जुक्ती लगाएल करू
अपना लेल तँ सभ जीबैत अछि‍
अनका लेल जौं अहाँ जी सकी
आनक उपकार खातीर जौं जहर पीब सकी
मरियो कऽ केना लोक भऽ जाइत अछि‍ अमर
अहू गप्‍पपर थोड़ैक माथ लगाएल करू
आनक गलती नि‍ङारब ई नीक काज नै
कखनो काल अपनो मुँह ऐना नि‍ङहारल करू।

शि‍क्षि‍त बेरोजगार

हम शि‍क्षि‍त बेरोजगार छी
परि‍वारपर बनल भार छी
गौआँ समाजक लेल बेकार छी
हम शि‍क्षि‍त बेरोजगार छी
बाबू हमरेपर भाषण झाड़ै छथि‍
गप्‍पसँ हमरा मारै छथि‍
हम मने-मन भनभनाइत छी
गप्‍प मारि‍ खाइ छी।
हमर कनि‍याेँ हमरासँ रूसल अछि‍
ओ कहै अछि‍ हम कपारे फूटल अछि‍।
की एक गद्दी सेनुरो देलौं
जहि‍यासँ गौना भऽ अहाँ घर एलौं
की तेलौ सावुन अहाँकेँ हमरा लेल जुमैत अछि‍।
की कहँू भाय लोकनि‍
हमरा तँ कि‍छु ने फुड़ैत अछि‍।
कोड़ाक मारि‍सँ बेसी चोट लगैत अछि‍
कनि‍याँक बातक हमरा
के पति‍याएत अपन दुख
हम कहि‍यौ ककरा
कनि‍याँक बापो
अपन बेटी हमरासँ बि‍याहि‍
पचताइत अछि‍
दि‍ल्‍ली पंजाब पठेबाक लेल
हमर माथ खाइत अछि‍।
अाब नै गूजर हएत हमरा गाममे
चलि‍ जाएब दि‍ल्‍ली आइये साँझमे
ओतए करब कोनो काम
ढौआ कमा, लाएब गाम।

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