मैथिली कविता
मैथिली पद्य -मैथिली कविता विदेह पेटारसँ
Pages
Home
Tuesday, April 10, 2012
प्रशांत मिश्र - हड़ाहि
एकटा हड़ाहि जे रातिमे पटकलन्हि साँए के
तोड़लन्हि चौकी
भोरे-भोर पड़ोसनीकेँ गरिअबैत कहलखिन्ह
हँ
,
चुप्प रह गे सत्तबरती
राँड़ी
,
छुच्छी
,
सँएखौकी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment